एक्सीडेंट
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उसे सिगरेट की स्मेल से नफरत थी,
वो हर दो घंटे बाद एक सिगरेट पीता था !
उसने कभी किसी गाने को रूककर नहीं सुना था,
वो गुनगुनाते हुए मोटरसाइकिल चलाता था वो भी बहुत तेज!
वो हर काम में संजीदा थी,
उसकी फितरत में लापरवाही थी!
वो बहुत खूबसूरत तो नहीं थी पर उसे इग्नोर नहीं किया जा सकता था,
उसे किसी हैंडसम तो नहीं कहा पर बुरा भी नहीं कहा !
उसकी ज़िंदगी में बहुत ज्यादा लोगो की आमद नहीं हुई थी,
वो हमेशा दोस्तों में मसरूफ रहता था !
इंटर्नशिप के आखिरी 15 दिन थे। यार लोग नए ठिकानों की तलाश में थे जहाँ सर जोड़कर बैठा जा सके , ऐसी नौकरी जो रोजमर्रा के खर्चे पानी जुगाड़ कर ले का और इतनी सहूलियत भी दे कम्पीटिटिव एक्ज़ाम की तैयारी भी जा सके। कैंटीनों ,पान वालो के पुराने हिसाब टटोले जाने लगे थे और हॉस्टल भर में बिखरी किताबे इकठ्ठी करी जा रही थी। नयी चुनोतियो का खौफ भी था और शहर छोड़ने की कसक भी।
खुदा के भी कुछ प्लान थे !
शहर से 30 किलोमीटर दूर दोनों को 15 दिनों में एक प्रोजेक्ट मुकम्मल करना था । वे जानते थे इस प्रोजेक्ट को किये बगैर उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा ! उस डिपार्टमेंट की "हेड"जरुरत से ज्यादा डिसिप्लीन थी .
थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
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उसने कुछ रुल बनाये
टाइम डिसिप्लीन !
नो स्मोकिंग !
नो फास्ट ड्राइविंग !
हेलमेट कम्पलसरी !
etc etc
वापसी में उसकी मोटरसाइकिल से उतरते वक़्त उसने उसके हाथ में बना टैटू देखा था !
उसकी सहेली ने फिर उसके मुताल्लिक पूछा
उसने फुसफुसा कर कहा "कुछ कोम्प्लिकेटेड सा है "
सुनकर वो हंसा था , उसके दांत बहुत उजले थे ,सिगरेट पीने के बावजूद !
difference of opinion
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उस रोज सूरज लापता था ,वो भी। बीस मिनट इंतज़ार के बाद वो हॉस्टल पहुँच गयी ,उसका रूम पता करना मुश्किल नहीं था। बेतरतीब से बालो में , शर्टलेस उसने दरवाजा खोला था ,कितना गुस्सा हुई थी वो पांच मिनट तक। वो मुहधोकरउन्हीबेतरतीबबालोमें चुपचापनीचेउतरआयाथा।
हेलमेट लेकर!
फिर भी उसने उसके दरवाजे पर लिख दिया था
"graveyard of ambitions "
पर वो दस मिनट पहले से खड़ा है ,हेलमेट के साथ !
बारिश तेज हो गयी है वे एक ढाबे पर रुके है
कल की ख़ामोशी उनके दरमियान अब भी है
"तुम पियोगी "वो चाय मंगाने से पहले उससे पूछता है
चाय अच्छी है
वो मुस्कराता है
"तुम्हारे कमरे का पोस्टर अच्छा है "
पिछले दो सालो से मेरे साथ है ,कमरा बदला तो इसे ले आया
तुम लोगो को पोस्टरों से बहुत लगाव होता है
तुम लोगो को ?
आई मीन "लड़को"को
पुरानी रवायतें है
वो उसे देखती है
ट्रेडिशिन है ,पुराने कई सौ साल पहले। फिर वो सांस लेता है “दिल बहलाने की तरकीबे है ,लड़को की ज़िंदगी में सौ गम होते है”
"लड़को की ज़िंदगी में"
"हाँ मेसकाखानादेखोगीतोपाकिस्तानसेज्यादामुश्किलप्रॉब्लमलगेगी ,रातकोखानाखानेजातेहैतोकोई"सस्पेंस"जैसीचीज़नहींहोतीपताहोताहैक्यामिलेगा"
"ओह कम ऑन" !
"धोबी को जींस दो तो वो मैल समझ कर तब तक धोता है जब तक उसका कलर ना निकले "
कम ओन अगैन !
"देखा कुछ गमो को दरअसल "गम" समझा ही नहीं गया "
"तभी टी शर्ट “ही” पहनते हो !"
वो पिछले तीन दिनों से सिर्फ टी शर्ट ही पहन रहा है !
"वैसे कल चाय भी दोपहर बाद नसीब हुई "
(बारिश शायद आदमी के मिज़ाज़ पर भी कोई असर करती है)
कोईनहींकुछदिनबैटमैनकेजोकरकीतरहहोतेहै ,वैसे भी हॉस्टल वालो की मोनोटोनस ज़िंदगी में एक दिलचस्प शब्द तो आया
क्या ?
"graveyard of ambitions "
वो हंसी है। उसके दांत भी बहुत उजले है
Law of Attraction
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उस दिन बारिश नहीं है फिर भी वे ढाबे पर रुके है।
"नहीं रे ,मै बोर होती हूँ इन सब चीज़ो से "
"तुम्हारा शहर खुशकिस्मत है । इसके पास एक नदी है ,एक लाइब्रेरी और एक थियेटर जिसमे "प्ले "होते है शहर भी ना आपको बनाता है ,उसका भी हाथ होता है आपके बनने में "
वो उसे गौर से देखती है, शायद पहली मर्तबा !
"तुम अपने शहर को मिस करते हो ? "
नोट रियली , कुछ चीज़े , पीछे छूट गयी चीज़े .... हमेशा याद रहती है
"जैसे की ? "
"बेवजह की चीज़े पोस्टऑफिस ,खेल का मैदान ,म्यूज़िक क्लास रूम ….. तभी बूढ़ा होकर इंसान ना इमोशनल होने लगता है खामखाँ ! शायद उसके पीछे छूट गयी चीज़े बहुत ज्यादा हो जाती है "
"तुम यहाँ आना रेपेन्ट करते हो "
"नहीं यार , हॉस्टल भी ना एक किस्म का स्कूल होता है ,ज़िंदगी का स्कूल ! इस स्कूल से आप को मोहब्बत होती है जो ताउम्र रहती है ! "
"तुम उतने कॉम्लिकेटेड नहीं जितना मैंने सोचा था "
"मतलब ?? "
"मतलब बहुत ज्यादा कॉम्पिलकेटेड हो ! "
Fatal attraction
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उस रोज सुबह मम्मी अपने उस हिस्से में है जो उसे "ऑफ "कर देता है !
शादी का मसला !
शादी शायद माओं की इनसिक्योरटी को और इंटेंस करती है और एक चेन रिएक्शन पैदा करती है जो इमोशनल भी होता है और ट्रॉमेटिक भी. गुस्से में वो बिना कुछ खाये पिए चली आयी थी। ठीक है लड़का गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट की पी. जी कर रहा है पर उसे भी तो आगे पढ़ना है उसका भी तो कैरियर है. मम्मी को डर लगता है लड़के का मन बदल गया तो ? कैसे बदल जायेगा मन ?
उसेगुस्साआताहै .
उसेगुस्साआताहै .
“और मेरा बदल जाये तो “वो मम्मी से कहती है
मम्मी उसे जोर से डांट लगाती है ,पापा चुपचाप सब सुनते हुए भी इग्नोर करते है !
पापा ऐसा क्यों करते है ??
वो खीजी हुई है ,पापा क्यों ऐसे समय चुप हो जाते है उन्हें कुछ बोलना चाहिए !
सराउंडिंग से अलहदा वो अपनी सोचो में है लड़के की कंफर्टबलटी क्यों तय करे अब इंगेजमेंट होनी और और अब शादी . फिर जैसे बाहर फूट पड़ी है
"ऐसा क्यों है के लड़कियों के लिए शादी इतनी प्रायर्टी पर क्यों है ?? "
उसकी टोन उसे चौकाती है .उस सवाल में मौजूद तल्खी को वो पहचान रहा है !
"तुम्हे नहीं लगता हमारी सोसायटी में शादी के मामलो में "male "की "say "है ?
तल्खी बरकरार है !
"तुम कुछ सुन रहे हो या नहीं ?? "
हुम्म !!
"ओह ! तुम ज़िंदगी में कभी किसी बात पर कभी सीरियस रहते हो या नहीं ????? तुम रहोगे भी क्यों "मेल "जो ठहरे"
"इसलिए मै लव मेरिज में बिलीव करता हूँ " वो ऑमलेट को ब्रेड में रख रहा है !
उसकी इस किस्म की एक्टिविटी उसे ऐसा महसूस करा रही जैसे वो इस बातचीत को लेकर संजीदा नहीं है ! उसका गुस्सा बढ़ रहा है
"लव मेरिज !! "
यस !!
"लव" ! माय फुट !
इस दफे आवाज का स्केल थोड़ा ऊँचा है.
"तुम्हे एक और चाय की जरुरत है "
छोड़ो तुम नहीं समझोगे , ज़िंदगी सिगरेट ,हंसी मजाक दोस्ती और अलग अलग समय पर अलग अलग गर्लफ्रेंड्स से बाहर की चीज़ है ! "
I am not getting ,"तुम क्या साबित करना चाह रही हो" अपने ऊपर हुए इस पर्सनल अटैक ने उसे नाराज कर दिया है। उसकी पिछली ज़िंदगी में दो लोगो की आमद दर्ज है !
तुम क्या जानती हो मेरे बारे में ? कितना जानती हो ? हर आदमी एक सा नहीं है ,एक सा नहीं रहता .मै अपनी ज़िंदगी उसी तरह से जीना चाहता हूँ जैसे मै सोचता हूँ ! मेरा आस पास मुझे कैसे देखेगा ये सोचकर नहीं। और रिलेशनशिपमेंकोईफिक्स्डरुलनहींहोते ,हरआदमीकेअपनेज़ोनहोतेहैजोचीज़तुम्हेअट्रेक्टकरे वोशायदमुझेनापसंदहोजोतुम्हारीप्रायर्टीहोवोमेरेलिएशायदजरूरीहीनाहो ! मैआदमीकोलॉजिक्ससेनहींमापता ! फर्स्ट ईयर !! क्या होते है हम फर्स्ट ईयर में ? वोइम्मैच्योरटीथीयार ! औरमुझेएक्सेप्टकरनेकोलेकरउसकेमनमेंसवालथे ,उसेलगामैउसकेलायकनहींहूँउसकीएक्सपेटेशनकेकुछक्राइटेरियाथेऔरमैउनमेफिटनहीं बैठताथा ! उसकेनजरियेसेवोठीकथी , हलांकियेऔरबातहैबादमेंमुझेलगाठीकहुआ वोएककिस्मकाइन्फेचुरेशनथाजिससेउसनेहीमुझेबाहरनिकाला। she cured me from herself without knowing. एकइंसिडेंटसेएकवाक्येनेजैसेमुझेजगादिया।
रहा थर्ड ईयर ! “ मैच्योरटीकाकोईतय मेजरमेंटरिलेशनशिपमेंनहींहोता ,किसी रिलेशनशिपमेंजानेकेबादआपकोहरशख्सकेअलगअलगफ्रेग्मेंटदिखतेहै ,उनफ्रेगमेंटसेजोएकतस्वीरनिकलतीहैउससे आपकितनेकम्पेटेबलहोवोचीज़ोकोकंटीन्यूकरतीहै ! हमदोनोंबाहरआयेथेखुदही !”
अचानक सीरियस हुए डिस्कशन से वो जान गयी है उसने निजी दायरे के कुछ स्पेसो की बायूंडरी को क्रॉस कर दिया है.
अचानक सीरियस हुए डिस्कशन से वो जान गयी है उसने निजी दायरे के कुछ स्पेसो की बायूंडरी को क्रॉस कर दिया है.
"आप दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की से भी ऊब सकते हो और किसी साधारण सी दिखने वाली लड़की के प्यार में भी पड़ सकते हो ! लव का कोई इन्क्यूबेशन पीरियड नहीं होता के इस वक़्त के बाद आप को कुछ conclusion मिलेगा "
उसने बात करते करते सिगरेट सुलगालीहैउसकेकरीबीजानतेहैअपसेटहोनेपरवोकामकरताहैसिगरेटऔरचहलकदमी ! चहलकदमीयहाँमुनासिबनहींहै ,अमूमनवोउसकेसामनेसिगरेटनहींपीता !
" पहले एपिसोड से मै शर्मिंदा होता हूँ गर मुझे चॉयस मिले तो मै उसे इरेज करना चाहूंगा ,किसी को किसी रिश्ते के कम्पेल करना गलत है ,ये खुद से जेनरेट होना चाहिए "
वो सिगरेट का एक लम्बा कश लेता है !
कुछ सेकण्ड की ख़ामोशी जो उस दरमियाँ लम्बी मालूम होती है !
"आई एम सॉरी "
वो उसे देखता है
"रियली आई एम"!
“मुझे नहीं मालूम तुम क्या हासिल करना चाहती थी पर मै अपनी मुश्किलो में दूसरे आदमी की जाती ज़िंदगी को नहीं टटोलता “ वो हेलमेट उठाकर उठ खड़ा हुआ है।
"मै अपसेट थी सुबह मम्मी ने कुछ कह दिया और पापा सुन कर भी अनसुना करते रहे। मै समझती थी पापा मुझे सपोर्ट करेंगे। "
वो मोटरसाइकिल पर बैठी नहीं है।
"ऐसा नहीं है जतिन मुझे पसंद नहीं या उसमे कोई खराबी है बस मै अभी तैयार महसूस नहीं कर रही हूँ। मुझे अभी आगे जाना है। शादी करके आप रुक जाते हो। आपकी individuality ख़त्म हो जाती है मै चाहती हूँ कम से कम एक आइडेंटी क्रिएट कर लूँ। तुम समझ रहे हो ना। "
वो हेलमेट पहन रहा है !
"मै क्राइसिस में थी और सारा outburst तुम पर निकल गया "
वापसी में वे उसकी जिद की वजह से ढाबे पर चाय पीने रुके है !
"तुम जब सीरियस होते हो तो बड़ी भारी भारी बाते करते हो ! फिलॉस्फिकल ओशो टाइप "
वो मुस्कुराया नहीं है
"वैसे कॉलेज में तुम्हारा इम्प्रेशन "केजव्यूअल"सा है ! "
"केजव्यूअल"उसने सोच सोच कर कहा है वो उसे हर्ट नहीं करना चाह रही है !
"इम्प्रेशन "वो बुदबुदाया है !
उसे ड्राप करते वक़्त वो उससे कहता है
"तुम्हारे साथ कुछ मुश्किलें आयी तुमने उनसे और पहले अपने आस पास के इंसिडेंट से एक ज़िंदगी की समझ को लेकर एक कन्क्लूज़न निकाल लिया ! ये भी हो सकता है उस लड़के को ये बात मालूम ना हो तुम्हारे मन में कैरियर को लेकर क्या चल रहा है ये तुम्हारे पेरेंट्स की सोच हो। तुम इस सदी की लड़की हो उससे खुद बात करो बताओ तुम क्या चाहती हो ज़िंदगी में ,पढ़ा लिखा बंदा है समझेगा। और हाँ कल मेरा मैच है कल तुम चली जाना "
वो नार्मल नहीं है ,उदासी पहने हुए है और उदासी उसे सूट नहीं करती। वो एक बार फिर "सारी "कहना चाह रही है पर कह नहीं पाती .कुछ सुबह जिस तरह से शुरू होती है फिनिशिंग लाइन पे गर दिन को सकून भरे पर मोड़ पर छोड़े तो लगता है मुआवजा दे रही है
उस रात वो सोयी नहीं !
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वो अपने स्कूटर से गयी है !
आज दिनरुकासा है ,अजीबसीफ़ीलिंग !
जो पहलेकभीनहींहुई !
जो पहलेकभीनहींहुई !
लौटने पर मम्मी बताती है जतिन आया हुआ है,
जतिनउसकामंगेतरहै।
जतिनउसकामंगेतरहै।
हर बार उसका दिल जतिन के आने पर धड़कता था
इस बार नहीं !
उसमे कुछ गलत नहीं है ,दिखने में ठीक है सलीके से बोलने वाला , टी टोटलर !! सिगरेट तो बहुत दूर की बात है , उसने कभी उसे टी शर्ट पहने नहीं दिखा , हमेशा तरतीब से लगे बाल ! उस शाम वो जतिन के साथ है। जतिन की बातो में अपनी फील्ड की मुश्किलें है ,आगे की प्लानिंग !
जतिन से बात की उसने पर जतिन ने एक दम यकीनी तौर पर जवाब नहीं दिया ,उसकी बॉडी लेंग्वेज उसके मम्मी पापा जैसी मालूम पड़ी ! जतिन के अपने सपने है ,अपने !
एक अजीब सा वेक्यूम है उसके भीतर !
क्या कहा था उसने "जहाँ ख्वाहिशे ना हो ,ख़्वाब ना हो वहां एक छोटी सी ज़िंदगी भी लम्बी हो जाती है नार्थ पोल के दिन और रात की तरह "
क्या कहा था उसने "जहाँ ख्वाहिशे ना हो ,ख़्वाब ना हो वहां एक छोटी सी ज़िंदगी भी लम्बी हो जाती है नार्थ पोल के दिन और रात की तरह "
उस रात वो फिर देर तक जगी.!
You infected me
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अगले दिन सूरज अपनी तय जगह है पर वो नहीं !
वो कुछ मिनट इंतज़ार करती है।
गुस्सा सेकण्ड की सुई से भी तेज भागने लगा है
फिर कोई उसके साथ घूमने वाला चेहरा उसके पास आया है "उसे फीवर है उसने कहा है आप चली जाइये "
वो कुछ देर ठिठकी रहती है क्या उसे उसे देखने जाना चाहिए ? पर उसके तो कितने सारे दोस्त है
दरवाजा आधा खुला हुआ है। सिगरेट की स्मेल और कोई इंस्ट्रुमेंटल मेन्टल म्यूज़िक।
वो क्नॉक करती है !
"खुला है यार"
उसनेदोबारानॉककियाहै
उसनेदोबारानॉककियाहै
एक दिन की बढ़ी हुई शेव ,और बेतरतीब बाल !
उसकी आमद से वो चौक गया है !
क्या हुआ ?
"कुछ नहीं फीवर है "
फिर प्रोजेक्ट के मुताल्लिक कुछ गैर जरूरी बाते !
इस दीवार पर दूसरा पोस्टर है जो उसे नहीं दिखा था उस रोज ,दरवाजे के पीछे तीसरा, उसने टेप का वॉल्यूम स्लो किया है
"तुम्हे गैबरिला पसंद है "वो पोस्टर को देखकर कहती है
ब्रूक शील्ड्स भी !
वो मुस्कुराती है !
"तुम्हारे मैच का क्या हुआ ??
"हार गये ,राजपूत बड़ी वीरता से लड़े हार गये "
तुम्हारे बहुत दोस्त है वो भरी हुई ऐश ट्रे देख कर कहती है !
"दोस्तियां मेरा ऐब है जो cure नहीं हो सकता "फिर उसकी और देखता है "ऐब समझती हो"
वो हामी भरती है
चाय पियोगी ?
बनाना जानते हो??
उसने रूम में कुछ अरेंजमेंट्स किया हुआ है। वो चाय बनाने उठ खड़ा हुआ है
"तुम्हारे फ्यूचर प्लान्स क्या है ? पी जी की ब्रांच को लेकर "
बाज मर्तबा हम बात करने के लिए बात करते है। उन बातो से ज्यादा हमें बात करने वाले में दिलचस्पी रहती है
बाज मर्तबा हम बात करने के लिए बात करते है। उन बातो से ज्यादा हमें बात करने वाले में दिलचस्पी रहती है
"मम्मी को पेडिएट्रिशियन पसंद है और पापा को ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट "
"और तुम्हे ??"
"मुझे ?? needs और wants में अंतर होता है ना ! "
"मतलब ?? "
"आदमी दरसल दो तरह से मरता है एक बाहर से और एक अंदर से , हम बाहर से मरने वालो को बचाने की तरकीबे सीखते है"
"मै समझी नहीं "
छोड़ो !
वो चाय का घूँट भरता है ,उसकी आँखों का रंग आसमानी है
"ज़िंदगी जीने के कई पेट्रन होते है हर पेट्रन के अपने रस्ते ! हम कोई रास्ता अपनी समझ से प्रजेंट कंडीशन को देखते हुए फ्यूचर को इज़यूम करके चुनते है ,पर फ्यूचर वैसा होगा जरूरी नहीं है "
"तुम वो आदमी हो जिससे कोई राय लेने आये और ज्यादा कन्फ्यूज़ होकर लौटे "
interesting और पैसा ?
"पैसा कमाना बुरा नहीं है .......सिर्फ पैसा कमाना बुरा है !
"ये फीवर का असर है या ओशो का ? "
"पेरासिटामोल के साइड इफेक्ट्स ! "
वो मुस्कुराती है !
"वैसे तुम पर ब्लैक अच्छा लगता है !"
उसने ब्लैक सूट पहना है , अचानक तब्दील हुई इस तवज़्ज़ो से वो कॉन्शियस हो गयी है !
"रेङ भी अच्छा लगेगा "
"रेड "
"हाँ .वो वाला रेड "
फिर वो रेड की "क्लासिफिकेशन "बतलाने लगता है।
"वैसे आदमी की सूरत उसके बारे में सही डायग्नोसिस दे जरूरी नहीं " वो चाय का कप उसे पकड़ाते हुए कहता है !
"हमारी केन्टीन का ****** है ना जिसकी शक्ल शक्ति कपूर से मिलती है वो दरअसल बड़ा नेक आदमी है
वो खिलखलाती है "और तुम्हे उसकी नेकी बारे में कैसे पता "
ब्रेड पर बटर पूरा लगाता है !
उसकी हंसी कमरे में गूँज गयी है !
"तुमने बात की "वो पूछ रहा है !
"अभी नहीं पर मुझे लगता है वो समझेगा "वो झूठ कहती है !
"प्ले देखने चलोगी कल " ??
फीवर में ?
"कल तक ठीक हो जायेगा ! "
नहीं हुआ तो ?
"पैरासिटामोल ज़िंदाबाद !"
"मुझे प्ले वले समझ नहीं आते। "
"इंसान को तजुर्बों को करते रहना चाहिए वरना ज़िंदगी में कई "काश"जमा हो जाते है , फारुखशेखऔरशबानाकाहै"
वो उठ खड़ी है
"मै चलती हूँ "
कमरे से बाहर निकलते वक़्त उसे महसूस हुआ इन पोस्टरों के नजदीक उसे बहुत पहले आना चाहिए था। इन पोस्टरों में दुबकी हुई परछाईया पोस्टरों के बाहर सूरत से अलहदा थी सीढिया उतरते हुए उसकी सहेली उसे मिली है !
"लगता है सुलह हो गयी "
"नहीं यार कुछ गड़बड़ है" वो स्कूटर स्टार्ट करते हुए कहती है "मुझे सिगरेट की स्मेल अच्छी लगने लगी है "
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हॉल में घुसते ही उसने कहा "अँधेरा बड़ी शानदार चीज़ है इसमें आदमी की असली सूरत नजर आती है "
उस रात उसने पूरा प्ले देखा। एक एक डायलॉग गौर से सुना !
वापसी में वो शहर के बीचो बीच बहने वाली नदी के पुल पर बैठे है जिसकी बाबत कोई प्लान नहीं था।
"अजीब बात है जब इस शहर में आया था तो मन से नहीं आया था ,अब इस शहर को छोड़ने का वक़्त आया है छोड़ना मुश्किल हो रहा है कही भी रहूँ ये शहर छूटेगा नहीं , मेरे भीतर ज़िंदगी भर रहेगा "
एक ठंडी सांस !
"वैसे हो सकता है पी .जी तुम्हे इस शहर में मिल जाये "
"उपरवाले के साथ इतनी अंडरस्टेंडिंग नहीं बनी है अभी "
कुछ देर की ख़ामोशी !
"वैसे तुमक्याचाहतेहोज़िंदगीसे ? "
मै !! मुझे अपनी सत्तर फ़ीसदी ज़िंदगी पर अफ़सोस है 35 पर्सेंट मैंने एडमिशन लेने में खर्च कर दी और 35 पर्सेंट उसे संभालने में . मुझे पूरी दुनिया घूमनी है अलगअलगदेशोमें ,वहांकीसड़कोमेंवहांकीगलियोमें ,सड़ककेकिनारेशेड्सकेनीचेकेरेस्ट्रोरेन्टमुझेबहुतअच्छेलगतेहै ,पहाड़भी ,नदीभी . शायदमुमकिनहोशायदनहीं ! कितनेलोगजीतेहैअपनीमर्जीकाजीवन ? कितनाजीपातेहैहमअपनीमर्जीका ! वक़्तबड़ाअनप्रेडिक्टेबलहै ! "
मै !! मुझे अपनी सत्तर फ़ीसदी ज़िंदगी पर अफ़सोस है 35 पर्सेंट मैंने एडमिशन लेने में खर्च कर दी और 35 पर्सेंट उसे संभालने में . मुझे पूरी दुनिया घूमनी है अलगअलगदेशोमें ,वहांकीसड़कोमेंवहांकीगलियोमें ,सड़ककेकिनारेशेड्सकेनीचेकेरेस्ट्रोरेन्टमुझेबहुतअच्छेलगतेहै ,पहाड़भी ,नदीभी . शायदमुमकिनहोशायदनहीं ! कितनेलोगजीतेहैअपनीमर्जीकाजीवन ? कितनाजीपातेहैहमअपनीमर्जीका ! वक़्तबड़ाअनप्रेडिक्टेबलहै ! "
हाँ, वक़्त बड़ा अन प्रेडिक्टेबल है ! मैंने कभी नहीं सोचा था 8 40 मिनट पर एक केज्यूवली टाईप इमोशनल फूल लड़के के साथ यहाँ इस पुल पर बैठूंगी ,जिससेपिछलेपांचसालोमेंकभीबातनहींकी"
"मम्मी कहती है लड़कियों में छोटी छोटी चीज़ो में खुशिया ढूंढने का हुनर होता है,हुनर मतलब ....
.जानती हो हम पहले अपने जैसे लोगो को ढूंढते है फिर उनके उस हिस्से के साथ कम्फर्ट ज़ोन में रहते है जो लगभग हमारे जैसा है पर उनका दूसरा बड़ा हिस्सा जिसका अपना वज़ूद है दरसल वो हमें "ग्रो "करता है उस ग्रोथ से हम अनजान रहते है कभी कभी कई साल तक ! आपकी ज़िंदगी में कई मौको पर शामिल लोग कुछ ना कुछ कंट्रीब्यूट करते है "
"यानी तुम्हे मुझसे भी कुछ मिला होगा "
"हाँ "
"क्या ? "
"पता नहीं , देखोहमारेअलगअलगइमोशनलवेसलहोतेहै ,उनकेअलगअलगफिलरहमारेदोस्तहीवोफिलरहै।हमारीइंस्टिंक्ट हमेंबतातीहैहमेंकिसवेवलेंथपररहनाहैहमाराटेस्टज़िंदगीकोदेखनेकाटेस्टएकवेवलेंथबनाताहैऔरहमाराप्रोफेशनदूसरी"
exactly तुम किस किस्म के आदमी हो यार ?
वो हँसता है !
“तुम इमोशनल फूल हो “
“वो एक मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट है ,मेरे डी एन ए में है पापा भी फिल्मे देखकर रोते है मेरी औलादे भी रोयेगी। जानता हूँ ज़िंदगी उतनी पॉयटिक नहीं रहती जितने आप इमोशनल होते हो। वक़्त नाम का इंस्ट्रूमेंट समय समय पर बजकर आपको इत्तिला करता है ! “फिर वो रूककर कहता है
"इत्तिला समझती हो ना inform "
वो मुस्कराती है !
"वैसे एक बात कहूँ मेरे एक दोस्त को तुम पर क्रश है "
"ओह कम ऑन ! "
रियली !
"उसका नाम इसलिए नहीं बताऊंगा उसे अभी इसी शहर में रहना है ,फिर उसने इसकी इज़ाज़त नहीं दी है। ब्रीच ऑफ़ कॉन्फिडेंस हो जाएगा "
उसका मन हुआ उसे जी भर के देखे ,और कुरेदे इस शख्स के भीतर की गंध का जायका ले !
"चले "
"थोड़ी देर बैठे रहो ! यहाँ यूँ बैठना अच्छा लग रहा है "
"शुक्रिया ! "
"किस लिए ? "
"रेड सूट पहनने के लिए , हालाँकि ये वो वाला रेड नहीं है ,...उसमे मुझे भी तुम पर क्रश हो सकता था ! "
Perception and Reality
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"हम ना कई साल साथ रहकर रोज मिलने वाले आदमी को भी नहीं जान पाते।"वो अपनी सहेली से कहती है
"May be you are right 13 दिनमेंआपकिसीकेप्यारमेंकैसेपड़सकतेहो ? दोदिनवो"एब्सेंट"रहाथाना ! "
शायद"ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत शब्द है
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19 साल तेरह महीने 21 दिन बाद
"हम चाय पीने यहाँ आये है "जतिन पूछता है
हाँ !!
"यहाँ कुछ ख़ास है ?? "
शायद हाँ ! ......सुनो तुमने प्ले के टिकट लिए रात के शो के ?
(P.S - किसी ने कहा मुश्किल सा लिखता हूँ सो सोचा आसान होकर लिखूं। लिखा फेसबुक वास्ते था ,लिखने बैठा तो लगा ज्यादा कह गया। यूँ भी अरसा हुआ था इस गुल्लक में कुछ जमा नहीं किया था। इमोशंस की वेव के कई स्पाईक्स होते है, कुछ बहुत तेज ! पीछे मुड़कर देखने के बाद कई बार शुबहा होता है हमारे ही स्पाइक्स है ,पर उनसे गुजरना लाज़िमी है !
जब आप सबसे अधिक प्रेम में होते हो तब आप सबसे अधिक असुरक्षित रहते हो. ओर जब आप प्रेम में सुरक्षित हो जाते हो तो प्रेम उतना नहीं बचा रह जाता . अजीब बात है ना !! कहते है दुविधा प्यार का आवश्यक कंपोनेंट है ......दरअसल प्रेम में आप स्वतन्त्र नहीं हो पाते अपने आप से )